कोलकाता (अब कोलकाता) में पहली बार नौका दौड़ प्रतियोगिता आयोजित हुई.

 कोलकाता में पहली बार नौका दौड़ प्रतियोगिता

25 जुलाई 1813 को भारत के कोलकाता (तब ‘कलकत्ता’) शहर में पहली बार नौका दौड़ प्रतियोगिता (Boat Race) आयोजित की गई थी। यह आयोजन ब्रिटिश काल में हुआ था, जब कोलकाता ब्रिटिश शासन की राजधानी हुआ करता था। उस समय हुगली नदी के किनारे स्थित यह शहर यूरोपीयन संस्कृति, खासकर अंग्रेजों के खेल तथा सामाजिक आयोजनों का प्रमुख केंद्र था।

नौका दौड़ प्रतियोगिता को युरोप के देशों में ‘रॉयल स्पोर्ट’ की तरह देखा जाता था, जिसे ब्रिटिश अधिकारी और वहाँ रह रहे विदेशी लोग भारत में प्रवर्तित करना चाहते थे। 1813 की इस पहली नौका दौड़ प्रतियोगिता ने भारत में खेल भावना को नया आयाम दिया, और इसके बाद नौका दौड़ सांस्कृतिक एवं खेल आयोजनों का नियमित हिस्सा बन गई।

इस आयोजन के बाद कोलकाता के क्लबों में नौका दौड़ प्रतियोगिताएँ लोकप्रिय हो गईं। हुगली नदी और उसकी शाखाएँ इन प्रतियोगिताओं के लिए उपयुक्त स्थान बन गईं। धीरे-धीरे यह परंपरा देश के कई अन्य हिस्सों में भी फैल गई। आज भी कोलकाता और अन्य महानगरों में नौका दौड़ एक रोमांचक खेल एवं उत्सव के रूप में मनाई जाती है।

महत्व:

  • यह प्रतियोगिता भारत में आधुनिक खेल आयोजनों की शुरुआत का प्रतीक मानी जाती है।

  • सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से इस आयोजन ने लोगों को एकजुट किया।

  • ब्रिटिश उपनिवेश काल में शुरू हुई यह परंपरा आज भी जीवित है और युवाओं को प्रेरित करती है।

निष्कर्ष:
25 जुलाई 1813 को आयोजित पहली नौका दौड़ प्रतियोगिता न सिर्फ कोलकाता बल्कि पूरे भारत के खेल इतिहास के लिए एक ऐतिहासिक घटना थी। इससे खेल संस्कृति को बढ़ावा मिला और यह आयोजन आज भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

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