क्रांतिकारी उधम सिंह की अस्थियाँ: लंदन से नई दिल्ली शहीद उधम सिंह, जिन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेने के लिए लंदन में 1940 में माइकल ओ'ड्वायर की हत्या की थी, उन्हें लंदन की पेंटनविले जेल में फांसी दी गई थी। फांसी के बाद ब्रिटिश सरकार ने उनकी अस्थियाँ वहीं दफना दी थीं।
अस्थियों की वापसी की ऐतिहासिक घटना
भारत में आज़ादी के वर्षों बाद, 19 जुलाई 1974 को उधम सिंह की अस्थियाँ लंदन से भारत वापस लाई गईं।
अस्थियों को लाने के लिए भारत सरकार ने विशेष प्रयास किया; तत्कालीन विदेश मंत्री, संबंधित अधिकारी और पंजाब के मुख्यमंत्री इस अवसर पर नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उपस्थित रहे।
इसके बाद उनकी अस्थियों का अभिनंदन और श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया।
अस्थियों का भारत में वितरण
2 अगस्त 1974 को अस्थियाँ 7 कलशों में संजोई गईं।
कुछ कलश हरिद्वार, कीरतपुर साहिब और रोजा शरीफ जैसे धर्मस्थलों पर प्रवाहित किए गए।
एक कलश को जलियांवाला बाग भी ले जाया गया, जिससे शहीद के बलिदान और उनकी क्रांतिकारी विरासत को श्रद्धांजलि दी जा सके।
महत्व
यह घटना देश के गौरवशाली क्रांतिकारी इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय बन गई।
देशवासियों ने अपने शहीद बेटे की अस्थियाँ पुनः अपनी भूमि पर पाकर गर्व और सम्मान व्यक्त किया।
उधम सिंह की अस्थियों का भारत लौटना न केवल उनका सम्मान था, बल्कि यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के हजारों बलिदानी क्रांतिकारियों के प्रति भी कृतज्ञता का प्रतीक है।
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