श्रीलंका में तमिल टाइगर्स (LTTE) विद्रोह – विस्तृत विवरण

 श्रीलंका में तमिल टाइगर्स (LTTE) विद्रोह – विस्तृत विवरण


🔹 परिचय:

श्रीलंका में तमिल टाइगर्स के नाम से प्रसिद्ध लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) एक उग्रवादी संगठन था, जिसने तमिल अल्पसंख्यकों के लिए अलग राष्ट्र "तमिल ईलम" की मांग करते हुए श्रीलंका सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह छेड़ा।


🗓️ विद्रोह की शुरुआत:

  • तमिल टाइगर्स का गठन 1976 में वेलुपिल्लई प्रभाकरन द्वारा किया गया।

  • विद्रोह की वास्तविक शुरुआत 1983 में मानी जाती है, जब LTTE ने श्रीलंकाई सेना के 13 सैनिकों को मार गिराया। इसके बाद सरकार द्वारा तमिलों के खिलाफ हिंसा (ब्लैक जुलाई) ने संघर्ष को और भड़का दिया।


🔥 गृहयुद्ध और परिणाम:

  • यह संघर्ष लगभग तीन दशक (1983–2009) तक चला।

  • हजारों लोगों की जान गई और लाखों नागरिक विस्थापित हुए।

  • LTTE ने आत्मघाती हमलों, राजनीतिक हत्याओं और सैन्य संघर्ष का सहारा लिया।

  • राजीव गांधी की 1991 में हत्या भी LTTE द्वारा की गई, जिससे भारत-श्रीलंका संबंधों पर असर पड़ा।


🏳️ अंत और पतन:

  • मई 2009 में श्रीलंकाई सेना ने प्रभाकरन को मार गिराया और LTTE को पूरी तरह समाप्त कर दिया।

  • इसके साथ ही श्रीलंका का लंबा और खूनी गृहयुद्ध समाप्त हुआ।


✍️ निष्कर्ष:

LTTE का विद्रोह श्रीलंका के इतिहास का सबसे हिंसक और संवेदनशील अध्याय रहा। यह संघर्ष जातीय असमानता, पहचान की लड़ाई और राजनीतिक उपेक्षा की परिणति था, जिससे देश को दशकों तक पीड़ा झेलनी पड़ी।

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