प्रतिभा पाटिल भारत की पहली महिला राष्ट्रपति चुनी गईं और भारत-अमेरिका परमाणु समझौते का प्रारूप तैयार हुआ – विस्तार से जानकारी

प्रतिभा देवीसिंह पाटिल का चुनाव और राष्ट्रपति पद

21 जुलाई 2007 भारतीय राजनीतिक और सामाजिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन था, जब प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भारत का 12वां राष्ट्रपति चुना गया। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि वे भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं। उनका चुनाव बहुमत से हुआ और उन्होंने अपने विरोधी उम्मीदवार, पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री भैरों सिंह शेखावत को भारी मतों से पराजित किया।

प्रतिभा पाटिल का प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक सफर

प्रतिभा पाटिल का जन्म 19 दिसंबर 1934 को महाराष्ट्र के चंदोर में हुआ था। उन्होंने पवार कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की और बाद में राजनीति में शामिल हुईं। वे महाराष्ट्र की पहली महिला राज्यपाल भी रहीं और केन्द्र सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों का नेतृत्व किया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की वरिष्ठ नेता के रूप में उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय के लिए व्यापक काम किया।

उनका राष्ट्रपति कार्यकाल

  • शपथ ग्रहण: 25 जुलाई 2007 को भारत के 13वें राष्ट्रपति पद का पदभार ग्रहण किया।

  • उन्होंने अपने कार्यकाल में महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, और सामाजिक न्याय के विषयों पर विशेष ध्यान दिया।

  • उनका कार्यकाल 2012 तक चला।

  • प्रतिभा पाटिल का मार्गदर्शन और नेतृत्व भारतीय लोकतंत्र के लिए प्रेरक रहा।

भारत-अमेरिका परमाणु समझौते का प्रारूप

21 जुलाई 2007 की ही तारीख़ को भारत और अमेरिका के बीच परमाणु सहयोग समझौते का प्रारूप भी अंतिम रूप दिया गया। इसे आमतौर पर "इंडो-यूएस न्यूक्लियर डील" कहा जाता है। यह समझौता भारत और अमेरिका के बीच राजनीतिक एवं ऊर्जा सहयोग में मील का पत्थर था।

  • पृष्ठभूमि: भारत ने अपनी परमाणु नीति में स्वायत्तता को ध्यान में रखते हुए परमाणु हथियार परीक्षण किया, जिससे भारत पर कई देशों ने प्रतिबंध लगाए थे।

  • इस समझौते के तहत भारत को अमेरिका सहित अन्य देशों से परमाणु तकनीक और ईंधन प्राप्त करने की अनुमति मिली, हालांकि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर नहीं किया।

  • समझौता भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने में सहायक साबित हुआ।

  • यह समझौता भारत- अमेरिका के बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी की नींव भी साबित हुआ।

दोनों घटनाओं का महत्व

  • प्रतिभा पाटिल का चुनाव महिला सशक्तिकरण और लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व की दिशा में एक मजबूत संकेत था। यह साबित करता है कि भारत में महिलाओं को उच्चतम संवैधानिक पद भी मिल सकते हैं।

  • भारत-अमेरिका परमाणु समझौता ने भारत को वैश्विक ऊर्जा राजनीति में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाया और देश की ऊर्जा सुरक्षा तथा तकनीकी विकास में योगदान दिया।

  • दोनों घटनाएं भारत के राजनीतिक और सामाजिक विकास में नए युग की शुरुआत करती हैं।

निष्कर्ष

21 जुलाई 2007 भारत के इतिहास में उल्लेखनीय स्थल रखता है, क्योंकि इस दिन भारत ने पहली बार एक महिला राष्ट्रपति का चुनाव किया और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा सहयोग की दिशा में एक नए अध्याय की शुरुआत की। ये दोनों घटनाएं भारत के लोकतांत्रिक, सामाजिक और तकनीकी विकास को दर्शाती हैं।

स्रोत:

  • भारत सरकार के राष्ट्रपति कार्यालय के आधिकारिक अभिलेख

  • भारत-अमेरिका परमाणु समझौता दस्तावेज

  • विभिन्न समाचार पत्र और इतिहास पुस्तकें

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