प्रतिभा पाटिल ने भारत की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली.
प्रतिभा पाटिल: भारत की पहली महिला राष्ट्रपति (2007-2012)
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल 25 जुलाई 2007 को भारत की 12वीं राष्ट्रपति और देश की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथ लीं। उनका कार्यकाल 25 जुलाई 2007 से 25 जुलाई 2012 तक रहा। वे भारतीय राजनीति की एक अनुभवी और सम्मानित नेता हैं, जिन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
प्रतिभा पाटिल का जन्म 19 दिसंबर 1934 को महाराष्ट्र के नासिक जिले में हुआ था। उन्होंने भारत के पे्रस्टीजियस पुणे विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। राजनीति में आने से पहले वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहीं और महिलाओं के अधिकारों के लिए काम किया।
राजनीतिक करियर:
प्रतिभा पाटिल महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्य रही हैं।
वे केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र की उप-राज्यपाल भी रह चुकी हैं।
प्रतिभा पाटिल कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता थीं और सामाजिक कल्याण तथा महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर लगातार काम करती रहीं।
राष्ट्रपति बनने से पहले वे महाराष्ट्र की राज्यपाल भी थीं।
राष्ट्रपति पद का कार्यकाल:
25 जुलाई 2007 को वे भारत की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथ लीं।
उनका चुनाव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों का समर्थन प्राप्त था।
उनके कार्यकाल में भारत ने कई महत्वपूर्ण आंतरिक और बाह्य राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक घटनाओं का सामना किया।
राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने संवैधानिक मर्यादाओं का सम्मान किया और लोकतंत्र की रक्षा में अहम भूमिका निभाई।
उनका व्यक्तित्व सादगी, गरिमा और संकल्प से परिपूर्ण था, जिसने देशवासियों में गर्व और प्रेरणा उत्पन्न की।
महत्वपूर्ण योगदान:
पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने महिलाओं को राजनीति में आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में सुधार के लिए कई पहल की।
पदभार ग्रहण के दौरान और बाद में वे देश के कई सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहीं।
प्रतिभा पाटिल ने राष्ट्रपति पद को एक लोकप्रिय और प्रेरणादायक संवैधानिक संस्था के रूप में स्थापित किया।
सम्मान और पुरस्कार:
अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के बाद भी वे राजनीति और सामाजिक क्षेत्रों में सक्रिय रहीं।
उन्हें उनकी सामाजिक सेवा और महिला नेतृत्व के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया।
निष्कर्ष:
प्रतिभा पाटिल का राष्ट्रपति पद पर कार्यकाल भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। वे न केवल पहली महिला राष्ट्रपति थीं, बल्कि उन्होंने अपने कार्यकाल में भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने, संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने और महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई। उनका नेतृत्व प्रेरणादायक रहा और उन्होंने आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण स्थापित किया।
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